उसकी वफा की हमने कसमे तलक भी खाई वक़्त पड़ा तो जिसने नज़रें भी ना मिलाई दामन से अपने उसने बांधे रखा था मुझको दिन जो बदल गए तो देता नही दिखाई |
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